उसे अंदर लेकर गई और बिस्किट देने की कोशिश की, उसे अंदर लेकर गई और बिस्किट देने की कोशिश की,
यहां बड़े साहब छोटे -छोटे काम के ही दस से पन्द्रह हजार लेते हैं यहां बड़े साहब छोटे -छोटे काम के ही दस से पन्द्रह हजार लेते हैं
इतनी छोटी उम्र में भी इतना सबकुछ कैसे जानती है चमकी ? इतनी छोटी उम्र में भी इतना सबकुछ कैसे जानती है चमकी ?
अरे उस टूटी चप्पल को उठाकर सीधे कचरे के ड्रम में क्यों नहीं डाल देती। अरे उस टूटी चप्पल को उठाकर सीधे कचरे के ड्रम में क्यों नहीं डाल देती।
मेरा काँटों से भरा स्टेशन से घर तक का सफ़र अभी भी बाकी था। मेरा काँटों से भरा स्टेशन से घर तक का सफ़र अभी भी बाकी था।
समाज में फैले अंधविशवास पर एक व्यंग समाज में फैले अंधविशवास पर एक व्यंग